प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सरकार ने सोनप्रयाग से केदारनाथ तक रोपवे बनाने की मंजूरी दी है। यह रोपवे 12.9 किमी लंबा होगा और इसे इस तरह बनाया जाएगा कि लोग आसानी से केदारनाथ पहुंच सकें।इस रोपवे परियोजना को डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण (डीबीएफओटी) मोड पर विकसित किया जाएगा | रोपवे को सार्वजनिक-निजी साझेदरी में विकसित करने की योजना है और यह सबसे उन्नत ट्राई-केबल डिटैचेबल गोंडोला (3एस) टेकनीक पर आधारित होगा !
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केदारनाथ रोपवे परियोजना के महत्वपूर्ण बिन्दु.
जाने क्या होता है वह ट्राइक-केबल डीटैचेबल गोंडोला या यह कितना मज़बूत होता है
ट्राई-केबल डिटैचेबल गोंडोला (Tri-Cable Detachable Gondola) बेहद मज़बूत और सुरक्षित होता है। यह तकनीक अत्यधिक ऊँचाई, तेज़ हवाओं, बर्फबारी और खराब मौसम में भी स्थिर रहती है। तीन केबल सिस्टम – दो स्थिर केबलें (Load-bearing cables) पूरी संरचना का भार उठाती हैं, जिससे यह अधिक सुरक्षित और संतुलित रहता है।
✅ हवा में स्थिरता – पारंपरिक रोपवे के मुकाबले यह 120 किमी/घंटा तक की तेज़ हवाओं को झेल सकता है।
✅ भूकंपरोधी डिज़ाइन – इसे इस तरह बनाया जाता है कि यह हल्के भूकंप झटकों और कंपन को सह सके।
✅ बर्फबारी में भी सक्षम – भारी बर्फबारी के दौरान भी यह सामान्य रूप से काम करता है क्योंकि इसकी केबलें और संरचना मजबूत स्टील व अन्य टिकाऊ सामग्रियों से बनी होती हैं।
✅ सुरक्षा मानकों का पालन – इस तकनीक को स्विट्ज़रलैंड, ऑस्ट्रिया और अन्य यूरोपीय देशों में अपनाया गया है, जहाँ यह सुरक्षा और मजबूती के उच्चतम मानकों को पूरा करता है

ट्राई-केबल डिटैचेबल गोंडोला की खासियतें:
- तीन केबल सिस्टम: इसमें दो स्थिर केबलें (Load-bearing cables) होती हैं जो गोंडोला (केबिन) को सहारा देती हैं, और एक चलने वाली केबल (Hauling cable) होती है जो इसे आगे बढ़ाती है।Read More
केदारनाथ रोपवे (Rs 4,081 Cr )
केदारनाथ रोपवे प्रस्ताव पर्वतमाला परियोजना का हिस्सा जिसे एनएचएलएमएल कंपनी बनाएगी
- राष्ट्रीय राजमार्ग लॉजिस्टिक प्रबंधन लिमिटेड (एनएचएलएमएल), भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा स्थापित एक कंपनी
- उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (यूटीडीबी) और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के बीच एसपीवी
केदारनाथ रोपवे की विशेषताएं
Parameters Details लंबाई (km) 12.9 कार्यान्वयन मोड डिजाइन-निर्माण-वित्त-संचालन-हस्तांतरण न्यूनतम क्षमता प्रति घंटा प्रति दिशा 1800 व्यक्ति रियायती अवधि 35 वर्ष (निर्माण के 6 वर्ष सहित) यात्रा समय लगभग 36 मिनट स्टेशन 3 अनिवार्य स्टेशन (सोनप्रयाग, गौरीकुंड, केदारनाथ निर्माण अवधि 6 Year केदारनाथ रोपवे के मुख्य लाभ
- 36 मिनट की यात्रा वर्तमान 8 से 9 घंटे की
- पर्यावरण अनुकूल, आरामदायक और तेज़ कनेक्टिविटी
- चार धाम यात्रा को बढ़ावा देना, जिससे स्थानीय व्यवसायों को लाभ पहुंचे और क्षेत्र में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिले
- यात्रा के सभी छह महीनों में तीर्थयात्रियों को पर्याप्त धन प्राप्त होगा, जिससे पहले दो महीनों में संसाधनों पर अत्यधिक दबाव कम हो जाएगा।
- यात्रा सीजन के दौरान रोजगार के अवसर पैदा होंगे
- बुजुर्गों और दिव्यांगजनों के लिए फायदेमंद
केदारनाथ रोपवे का कानूनी ढांचा
उत्तराखंड रोपवे अधिनियम, 2014 रोपवे के लिए लाइसेंसिंग, संचालन की निगरानी, सुरक्षा और टैरिफ के लिए कानूनी आधार प्रदान करेगा।
कृपया नीचे कमेंट बॉक्स में अपने विचार लिखें कि क्या इससे उत्तराखंड पर्यटन को नया आयाम मिलेगा ओर क्या केदारनाथ रोपवे परियोजना पर्यावरण के लिए सकारात्मक कदम हो सकती है?